मुंबई- भाजपा और शिवसेना के बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनावों के लिए सीट बंटवारे पर गतिरोध जारी है। शिवसेना ने 60 सीटें देने का प्रस्ताव रखा है, जिसे भाजपा ने अपना अपमान बताया है। हालांकि अभी गठबंधन का रास्ता बंद नहीं हुआ है लेकिन दोनों दल एक दूसरे पर हमले बोल रहे हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, "भाजपा को 60 सीट का प्रस्ताव उनकी राजनीतिक ताकत से ज्यादा है। फिर भी उद्धव ठाकरे ने उदारता दिखाई और उन्हें हक से ज्यादा दिया है।" भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर शिवसेना के अपमानजनक रुख गहरी नाराजगी जताई है। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने बताया, "हमें 60 सीट देने का शिवसेना का दुस्साहस भाजपा का अपमान है।
शेलार ने कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन पर आखिरी फैसला सीएम और राज्य भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब दानवे को लेना है। इसी बीच, फड़णवीस ने विधायकों, सांसदों के साथ चुनावों की तैयारी के लिए बैठक बुलाई। इसमें रणनीति पर चर्चा की गई। शेलार ने इस बारे में बताया, "बैठक में चुनाव घोषणा पत्र पर बात हुई। मुंबई के लोगों की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र में बीएमसी में किए गए कामों और एजेंडे की पारदर्शिता को पर्याप्त जगह दी जाएगी।" भाजपा ने साफ कर दिया कि वह सीएम फड़णवीस और पीएम नरेंद्र मोदी के पारदर्शिता पर दिए जा रहे जोर पर कोई समझौता नहीं करेगी।
यह शिवसेना के साथ गठबंधन की प्राथमिक शर्त है। माना जा रहा है कि भाजपा के घोषणा पत्र में सड़कों में भ्रष्टाचार जैसे मामले उठाए जा सकते हैं।
भाजपा को 60 सीटें देने के प्रस्ताव के बाद उद्धव ठाकरे ने इशारा किया कि सीट समझौते को किसी समयसीमा में नहीं रखा जा सकता। गठबंधन पर आखिरी फैसला प्रस्ताव को देखे जाने के बाद ही लिया जाएगा। भाजपा नेताओं के अनुसार, उनकी पार्टी शिवसेना से गठबंधन की इच्छुक है। इसके लिए सेना को भाजपा की चुनावी विकास और पारदर्शिता की शर्त को ध्यान में रखना होगा। शिवसेना के सूत्रों के अनुसार उद्धव गठबंधन को धर्मसंकट में हैं।
भाजपा को 60 सीटें देने के प्रस्ताव के बाद उद्धव ठाकरे ने इशारा किया कि सीट समझौते को किसी समयसीमा में नहीं रखा जा सकता। गठबंधन पर आखिरी फैसला प्रस्ताव को देखे जाने के बाद ही लिया जाएगा। भाजपा नेताओं के अनुसार, उनकी पार्टी शिवसेना से गठबंधन की इच्छुक है। इसके लिए सेना को भाजपा की चुनावी विकास और पारदर्शिता की शर्त को ध्यान में रखना होगा। शिवसेना के सूत्रों के अनुसार उद्धव गठबंधन को धर्मसंकट में हैं।
एक तरफ वे भाजपा से साझेदारी चाहते हैं लेकिन दूसरी ओर डरते हैं कि ज्यादा सीटें देने पर पार्टी के अंदर विद्रोह हो जाएगा। शिवसेना ने पिछले चुनावों में 227 में से 135 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भाजपा का कहना है कि वह 117-120 सीट पर ही लड़े। सूत्रों के अनुसार ठाकरे इस समय किसी तरह की बागी गतिविधियां सहन नहीं कर सकते। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हमें भाजपा को 85-97 सीटें ऑफर करनी चाहिए थी।"
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