Friday, 6 January 2017

मेक इन इंडिया: चीन की मशीनों से हो रहा हैं इंडिया कैशलेस, चीनी उत्पादों का विरोध करने वाले लापता

मेक इन इंडिया: चीन की मशीनों से हो रहा हैं इंडिया कैशलेस, चीनी उत्पादों का विरोध करने वाले लापता
मेक इंडिया में दम भरना लगता है कि प्रधानमंत्री का कुछ फ़ायदा नहीं हो रहा है। उसके बाद से देश को कैशलेस करने के लिए चीन को फायदा पहुंचा रही है।अब स्वैपिंग मशीन के लिए चीन को हजारों करोड़ का फायदा पहुंचाया जा रहा है। सरकार ने कैशलेस इंडिया का अभियान शुरू कर तो दिया है। लेकिन स्वैपिंग मशीन भारत में तो बनती ही नहीं है। वो चीन से मंगवाई जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंदी की घोषणा कर दी थी। लेकिन देश को कैशलेस बनाने के लिए संसाधन मौजूद ही नहीं है। जानकारी के मुताबिक, एसबीआई, यूनियन बैंक, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद समेत निजी क्षेत्र के एचडीएफसी, आईसीआईसीआई आदि बैंकों में स्वैपिंग मशीन के लिए लगभग पांच करोड़ आवेदन पेंडिंग हैं। इसका सीधा मतलब है। बैंकों में डिमांड के मुताबिक स्वैपिंग मशीन मौजूद नहीं है।

वही इस सम्बन्ध में बैंक अधिकारियों का कहना है कि स्वैपिंग मशीन का आयात चाइना से होता है। अंदाजा है कि दस जनवरी तक चाइना से आठ लाख स्वैपिंग मशीनों का आयात भारत में होने जा रहा है। इसके बाद मशीनों की भारी कमी से काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा। इतना ही नही, 20 जनवरी के बाद से ऑन डिमांड स्वैपिंग मशीन उपलब्ध कराए जाने का दावा भी बैंकों की ओर से किया जा रहा है।

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