Sunday, 22 January 2017

आर टी आई से खुली भाजपा की पोल # सामने आई देश के प्रधानसेवक की हकीकत

#  आर टी आई से खुली भाजपा की पोल
#  सामने आई देश के प्रधानसेवक की हकीकत
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कालाधन पर रोक लगाने के साथ सत्ता में आर्इ मोदी सरकार पर एक आरटीआर्इ में पूछे गए सवालों ने मोदी सरकार पर कई सवालियां निशान खड़े कर रही है। नोटबंदी को लेकर विपक्ष के कठघरे में खड़ी भाजपा सरकार इस खुलासे के बाद आैर घिर सकती है। आरटीआर्इ के मुताबिक *मोदी सरकार ने पिछले ढार्इ सालों के भीतर अपने प्रचार-प्रसार पर 11 अरब रुपए से ज्‍यादा खर्च किए हैं*।

*आरटीआर्इ से इन्होंने मांगा था जवाब*
ग्रेटर नोएडा के आरटीआई एक्टिविस्‍ट रामवीर तंवर ने 29 अगस्त 2016 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से सूचना के अधिकार के जरिए पूछा था कि केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाने से लेकर अगस्‍त 2016 तक विज्ञापन पर कितना सरकारी पैसा खर्च किया है। तीन माह बाद जब आरटीआर्इ के जरिए मिले इस जवाब को देखकर आप जरूर चौंक जाएंगे। इसमें बताया गया है कि पिछले ढार्इ साल में मोदी सरकार ने विज्ञापन पर ग्यारह अरब रुपए से भी ज्यादा खर्च कर चुकी है।

*आरटीआर्इ से यह मिला जवाब*
आरटीआर्इ के जरिए मंत्रालय से मिले विज्ञापन की जानकारी में बताया गया कि ब्रॉडकास्‍ड, कम्‍युनिटी रेडियो, इंटरनेट, दूरदर्शन, डिजिटल सिनेमा, प्रोडक्‍शन, टेलीकास्ट, एसएमएस के अलावा अन्‍य खर्च शामिल हैं। इनमें *पिछले तीन सालों में मोदी सरकार की आेर से करीब ग्यारह अरब से भी ज्यादा रुपया खर्च किया गया है*।

*प्रचार प्रसार के इन माध्यमों पर किया गया इतना खर्च*

*प्रचार प्रसार का माध्यम - साल - रुपये*

*SMS* -
_2014 - 9. 07 करोड़_
_2015 - 5.15 करोड़_
_अगस्त 2016 तक - 3. 86 करोड़_

*इंटरनेट* -
_2014 - 6. 61 करोड़_
_2015 - 14.13 करोड़_
_अगस्त  2016 तक - 1.99 करोड़_

*ब्राॅडकास्ट* -
_2014 - 64. 39 करोड़_
_2015 - 94.54 करोड़_
_अगस्त 2016 तक - 40.63 करोड़_

*कम्‍युनिटी रेडियो* -
_2014 - 88.40 लाख_
_2015 - 2.27 करोड_
_अगस्त 2016 तक - 81.45 लाख_

*डिजिटल सिनेमा*
_2014 -77 करोड़_
_2015 - 1.06 अरब_
_अगस्त 2016 तक - 6.23 करोड़_

*टेलीकास्ट* -
_2014 - 2.36 अरब_
_2015-2.45 अरब_
_अगस्त 2016 तक - 38.71 करोड़_

*प्राॅडक्शन* -
_2014 - 8.20 करोड़_
_2015 - 13.90 करोड़_
_अगस्त 2016 तक -1.29 करोड़_

*तीन साल में हर साल इतना किया खर्च*

*2014* - _एक जून 2014 से 31 मार्च_ _2015 तक करीब 4.48 अरब रुपए खर्च_

*2015* - _1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च_ _2016 तक 5.42 अरब रुपए खर्च_

*2016* - _1 अप्रैल 2016 से 31_ _अगस्‍त 2016 तक 1.20 अरब रुपए खर्च_

*आरटीआई एक्टीविस्ट रामवीर तंवर ने कहा*
इस मामले पर आरटीआई एक्टीविस्ट रामवीर तंवर ने कहा कि सुना करते थे कि मोदी चाय के पैसे भी खुद दिया करते थे। ऐसे में मन में विज्ञापन को लेकर सवाल उठने पर आरटीआई लगाई थी। अंदाजा ये था मोदी के विज्ञापनों पर 5 से 10 करोड़ रुपए का खर्चा किया होगा। लेकिन, ढाई साल में 1100 करोड़ रुपए खर्च करने का पता लगने के बाद से निराशा महसूस हुई है। उन्होंने कहा कि *जब ढाई साल में 1100 सौ करोड़ का खर्च आया है केवल विज्ञापन पर तो पूरे पांच साल में मोदी जी के विज्ञापनों पर 3000 हजार करोड़ का खर्च आ सकता है*। इसकी तुलना उन्होंने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी की और कहा कि वहां सरकार के चुनाव प्रचार में 800 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जबकि हमारे देश मेें एक केंद्र सरकार इतना पैसा खर्च कर दिया ये बहुत ही निंदनीय है। अगर इस पैसों को जनता के काम में लगाया जाता तो, ज्यादा बेहतर होता।

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