अनट्रेंड महिला चिकित्सक की लापरवाही से डिलीवरी के बाद जच्चा की मौत हो गई। परिजनों के अनुसार आरोपी चिकित्सक ने महिला को अंधाधुंध कई इंजेक्शन लगाए थे। बच्ची को जन्म देने के बाद भी महिला की ब्लीडिंग नहीं रुक पाई
चिकित्सक ने हालत बिगड़ती देख जच्चा को मेरठ रेफर कर पल्ला झाड़ लिया, अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई। गढ़ में मीरा मजार के पास रहने वाले हाजी फजल की बेटी शमा (28 ) की शादी करीब पांच साल पहले बाराबंकी निवासी आदिल से हुई थी।
आदिल दो साल पहले परिवार सहित ससुराल के पड़ोस में आकर रहने लगा था। रविवार रात गर्भवती शमा को प्रसव के लिए नक्का कुआं रोड स्थित एक जच्चा बच्चा केंद्र में भर्ती कराया गया। वहां डिलीवरी से पहले अनट्रेंड चिकित्सक ने शमा को अंधाधुंध कई इंजेक्शन लगा दिए।
इससे डिलीवरी तो हो गई, लेकिन जच्चा की हालत बिगड़ने लगी। उसको लगातार ब्लीडिंग हो रही थी। महिला चिकित्सक ने अपना पल्ला झाड़ते हुए उसको मेरठ रेफर कर दिया, मेरठ पहुंचने से पहले ही शमा की रास्ते में मौत हो गई।
मौत की खबर मिलते ही परिवार व मायके में कोहराम मच गया। नवजात बच्ची के अलावा भी शमा के दो बेटे हैं। हाजी फजल का कहना है कि महिला चिकित्सक ने शमा को ताबड़तोड़ कई इंजेक्शन लगाए थे, जिससे ब्लीडिंग न रुक पाने से बेटी की मौत हुई है।
सीएमओ डॉ.एके सिंह का कहना है कि इस विषय में फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है। टीम भेजकर जच्चा-बच्चा केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं और महिला चिकित्सक की डिग्री की जांच कराकर की जाएगी।
एक ओर सरकार जहां जच्चा-बच्चा की मृत्युदर में कमी लाने के लिए करोड़ों का बजट खर्च कर रही है, वहीं अनट्रेंड चिकित्सकों पर लगाम नहीं लग पा रही है। उक्त जच्चा-बच्चा केंद्र चला रही महिला के पास कोई चिकित्सकीय डिग्री नहीं है।
अभी वह एएनएम (नर्सिंग) का कोर्स कर रही है। इसके बावजूद वह धड़ल्ले से जच्चा-बच्चा केंद्र चला रही है। यहां पर डिलीवरी के दौरान कई महिलाओं की मौत हो चुकी है। कई बाद यहां जोरदार हंगामा हुआ है।
इसके बावजूद अनट्रेंड चिकित्सक खुलेआम चिकित्सालय चला रही है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को सुविधा शुल्क देकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।
आदिल दो साल पहले परिवार सहित ससुराल के पड़ोस में आकर रहने लगा था। रविवार रात गर्भवती शमा को प्रसव के लिए नक्का कुआं रोड स्थित एक जच्चा बच्चा केंद्र में भर्ती कराया गया। वहां डिलीवरी से पहले अनट्रेंड चिकित्सक ने शमा को अंधाधुंध कई इंजेक्शन लगा दिए।
इससे डिलीवरी तो हो गई, लेकिन जच्चा की हालत बिगड़ने लगी। उसको लगातार ब्लीडिंग हो रही थी। महिला चिकित्सक ने अपना पल्ला झाड़ते हुए उसको मेरठ रेफर कर दिया, मेरठ पहुंचने से पहले ही शमा की रास्ते में मौत हो गई।
मौत की खबर मिलते ही परिवार व मायके में कोहराम मच गया। नवजात बच्ची के अलावा भी शमा के दो बेटे हैं। हाजी फजल का कहना है कि महिला चिकित्सक ने शमा को ताबड़तोड़ कई इंजेक्शन लगाए थे, जिससे ब्लीडिंग न रुक पाने से बेटी की मौत हुई है।
सीएमओ डॉ.एके सिंह का कहना है कि इस विषय में फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है। टीम भेजकर जच्चा-बच्चा केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं और महिला चिकित्सक की डिग्री की जांच कराकर की जाएगी।
एक ओर सरकार जहां जच्चा-बच्चा की मृत्युदर में कमी लाने के लिए करोड़ों का बजट खर्च कर रही है, वहीं अनट्रेंड चिकित्सकों पर लगाम नहीं लग पा रही है। उक्त जच्चा-बच्चा केंद्र चला रही महिला के पास कोई चिकित्सकीय डिग्री नहीं है।
अभी वह एएनएम (नर्सिंग) का कोर्स कर रही है। इसके बावजूद वह धड़ल्ले से जच्चा-बच्चा केंद्र चला रही है। यहां पर डिलीवरी के दौरान कई महिलाओं की मौत हो चुकी है। कई बाद यहां जोरदार हंगामा हुआ है।
इसके बावजूद अनट्रेंड चिकित्सक खुलेआम चिकित्सालय चला रही है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को सुविधा शुल्क देकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।
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