वैसे तो महिला सुरक्षा को लेकर महिला सशक्तिकरण को लेकर उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी ने विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई हैं ताकि उत्तर प्रदेश की महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सके. पर शायद उत्तर प्रदेश की पुलिस माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी का यह सपना पूरा नहीं होने दे रही है जी हम बात करें उत्तर प्रदेश की जहां मान्य मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं की महिलाएं अपने आप को किसी भी तरीके से असुरक्षित महसूस ना करें. पर उत्तर प्रदेश की पुलिस मुख्यमंत्री जी के विचारों से अलग सोच रही है वैसे तो उत्तर प्रदेश की पुलिस क हम कारनामें सुनते ही रहते हैं. आज उत्तर प्रदेश की पुलिस का एक कारनामा देखने को मिला जिसमें शाहजहांपुर के दो पुलिसवाले एक चौकी इंचार्ज गुड्डू सिंह और एक कॉन्स्टेबल गिरीश ने महिला पत्रकार के साथ गाली-गलौज करी . और बदतमीजी की हद पार कर दी . साथ ही महिला के परिजनों के साथ भी भद्दा व्यवहार किया. महिला पत्रकार का कुसूर सिर्फ इतना था की चौकी इंचार्ज गुड्डू सिंह महिला पत्रकार के पड़ोसी के साथ बदतमीजी कर रहे थे और जबरदस्ती झूठे केस में फसाने की बात कर रहे थे. महिला पेशे से पत्रकार है और सच को दिखाना यह उसका कर्तव्य है सच के लिए लड़ना . पत्रकारिता निष्पक्षता और निडरता के साथ की जाती है महिला पत्रकार अपना काम कर जनता की भलाई सोच रही थी. जनता का भला कर रही थी. और यह बात उन पुलिसवालों को बुरी लगी कि यह हमारे काम में बाधा डाल रही है. पर कहीं ना कहीं यह पुलिस वाले जनता के बुरे में रहते हैं. जब कोई पत्रकार जनता की आवाज बनता है तो इन लोगों को बहुत बुरा लगता है और इसलिए यह लोग उस आवाज को दबा देना चाहते हैं. पुलिस की दबंगई न जाने कब तक चलती रहेगी और इसी तरीके से पुलिस मजलूमों को सताती रहेगी. अभी उत्तर प्रदेश में बहुत पिछड़ापन है और ये शायद तब तक दूर ना होगा जब तक महिलाएं सुरक्षित नहीं होंगी
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Hamare web channel se judne ki liye sampark Kare.
Chief editor Aadil Siddique